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ग़ज़ल 11
शेर 11
आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम-ए-मोहब्बत तक
गुज़रा है जो कुछ हम पर तुम ने भी सुना होगा
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टैग : मोहब्बत