आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rob"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "rob"
अन्य परिणाम "rob"
नज़्म
गोरिस्तान-ए-शाही
रोब-ए-फ़ग़्फ़ूरी हो दुनिया में कि शान-ए-क़ैसरी
टल नहीं सकती ग़नीम-ए-मौत की यूरिश कभी
अल्लामा इक़बाल
शेर
शब-ए-फ़िराक़ का छाया हुआ है रोब ऐसा
बुला बुला के थके हम क़ज़ा नहीं आई
सययद मोहम्म्द अब्दुल ग़फ़ूर शहबाज़
शेर
मिरे रोब में तो वो आ गया मिरे सामने तो वो झुक गया
मुझे लात खा के हुई ख़बर मुझे पीटता कोई और है
ज़ियाउल हक़ क़ासमी
ग़ज़ल
नज़र चेहरे पे डाली है मगर कुछ सहमी सहमी सी
हसीनों का ये रो'ब-ए-हुस्न उन का पासबाँ क्यों हो
जयकृष्ण चौधरी हबीब
ग़ज़ल
हो रहा है ये अयाँ ख़ौफ़-ज़दा चेहरे से
रो'ब ग़ालिब तो मिरा आज भी तुम पर है मियाँ
अलीमुद्दीन अलीम
ग़ज़ल
शब-ए-फ़िराक़ का छाया हुआ है रोब ऐसा
बुला बुला के थके हम क़ज़ा नहीं आई