aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ستمبر"
कई दिन से तरफ़ैन अपने अपने मोर्चे पर जमे हुए थे। दिन में इधर और उधर से दस बारह फ़ायर किए जाते जिनकी आवाज़ के साथ कोई इंसानी चीख़ बुलंद नहीं होती थी। मौसम बहुत ख़ुशगवार था। हवा ख़ुद रो फूलों की महक में बसी हुई थी। पहाड़ियों की ऊंचाइयों और ढलवानों पर जंग से बेख़बर क़ुदरत अपने मुक़र्ररा अश्ग़ाल में मसरूफ़ थी। परिंदे उसी तरह चहचहाते थे। फूल उसी तरह खिल रहे थे...
शाम के वक़्त जब सेठ हुर्मुज़ जी फ्रॉम जी ऑफ़िस से निकल कर ईसा तबलची की चांदी की डिबिया से दो ख़ुशबूदार तंबाकू वाले पान अपने चौड़े कल्ले में दबा कर बिलियर्ड खेलने के कमरे का रुख़ कर रहे थे कि हमें वो लड़की नज़र आई।साँवले रंग की थी, बस मैं सिर्फ़ इतना ही देख सका क्योंकि वो जल्दी जल्दी सेठ के साथ हाथ मिला कर स्टूडियो की मोटर में बैठ कर चली गई... कुछ देर के बाद मुझे नियाज़ मोहम्मद ने बताया कि उस औरत के होंट मोटे थे। वो ग़ालिबन सिर्फ़ होंट ही देख सका था। उस्ताद जिसने शायद इतनी झलक भी न देखी थी, सर हिला कर बोला, “हूँह... कंडम...” या’नी बकवास है।
ऑनरेबल मैंबर तहक़ीक़ात के बाद वापस चले गये हैं। सुना है, वहां हुज़ूर वायसराय बहादुर से मुलाक़ात करेंगे और अपनी तजावीज़ उनके सामने रखेंगे।25 सितंबर
ग़ालिब: मैं तो शर्बत पियूँगा... इस शर्बत का रंग मुझे पुकार पुकार कर बुला रहा है... मौलाना, आप क्यों ललचाई हुई नज़रों से मेरे सदक़े क़ुर्बान हुए जाते हैं। आपको इस शर्बत का एक घूँट नहीं मिलेगा।
सितंबरستمبر
september
Sitamber Ka Chand
क़ुर्रतुलऐन हैदर
2002कहानियाँ
July-September: Shumara Number-003
मोहम्मद सुहैल उमर
2004इक़बालियात, पाकिस्तान
Jang-e-Aazadi Number:September: Shumara Number-004-005
नूरुल हसन हाशमी
1957फ़रोग़-ए-उर्दू, लखनऊ
Ikkisvin Sadi Mein Urdu Ghazal Number: January-September: Shumara Number-009,010
मंसूर ख़ुशतर
2017दरभंगा टाइम्स
January-September: Shumara Number-002-004
वहीद इशरत
1998इक़बालियात, पाकिस्तान
July-August-September : Shumara Number-243
अतहर फ़ारूक़ी
2017उर्दू अदब, दिल्ली
September: Shumara Number-005
अफ़्सर सहबाई
1972आज़र
July-September : Shumara Number-001
ख़ालिद इक़बाल यासिर
1987अदबियात, इस्लामाबाद
Shumara Number-010: September
फ़रहत सिद्दीक़ी
1988कुबरा
September : Shumara Number-033
शब्बीर बेग बरेलवी
1943ग़ुंचा
September: Shumara Number-119
तारिक़ मुस्तफ़ा सिद्दीक़ी
1989चहार रंग
September: Shumara Number-122
September
अतीक़ुल्लाह
1977तनाज़ुर
July,August,September
असलम परवेज़
2005उर्दू अदब, दिल्ली
July-September: Shumara Number-002
1999इक़बालियात, पाकिस्तान
“सिवानी हाव आई लव यू... हाव आई लव यू...” का पामाल नग़्मा जो डांस बैंड वाले हाल के सिरे पर बजा रहे थे। यक-लख़्त बिल्कुल नया बहुत अनोखा और बेहद अच्छा मा'लूम होने लगा।दफ़अ'तन बौबी को ख़याल आया। मैं इस वक़्त यहाँ निशात स्टेनले के साथ बैठा हूँ। अगर क्वीनी ने मुझे इस लड़की के साथ इतनी बे-तकल्लुफ़ी से बातें करते देख लिया तो उसे कितना शौक पहुँचेगा। फिर उसने ज़िद्दी बच्चों की तरह सर झटक कर सोचा। अगर इस वक़्त क्वीनी और उसकी जैसी बा-इ'ज़्ज़त और ऊँची लड़कियों की एक पूरी ब्रिगेड यहाँ आकर खड़ी हो जाए और मुझे इसके साथ बैठा देखकर बेहोश हो जाएगी तब भी मैं ज़रा परवा न करूँगा। क़तई’ परवा न करूँगा। ये लड़की कितनी प्यारी थी कितनी हम-दर्द थी। बिल्कुल किसी प्यारी सी बहन की तरह हम-दर्द। उसे याद आया कल किसी ने उसके मुतअ'ल्लिक़ कैसी कैसी अ'जीब और ख़ौफ़नाक बातें उसे बताई थीं। अरे नहीं निशात। उसने चिल्ला कर कहना चाहा। तुम ऐसी नहीं हो। उसका जी चाहा कि वो कुर्सी पर चढ़ कर सारे स्टैंडर्ड, सारी मसूरी, सारी दुनिया को बताए। ये लड़की निशात स्टेनले बुरी नहीं है। तुम सब ख़ुद बुरे हो। तुम में अख़्लाक़ी क़ुव्वत नहीं है। इसलिए अपनी झेंप मिटाने की ख़ातिर तुम उसे बुरा कहते हो... तुम लोग...
“एक ज़माने में ये भी देवदारों और सनोबरों से ढके हुए थे। परबत-परबत हरियाली ही हरियाली थी। मगर बकरीयां सब चिट कर गईं। इसीलिए हुकूमत ने बकरीयों के इस्तीसाल के लिए एक महाज़ बनाया है और पूरी क़ौम ख़ंजर-ब-कफ़ हुकूमत के साथ है।”“मगर हमें तो यहां कहीं बकरीयां नज़र नहीं आईं आएं।”
जब भी माह-ए-सितंबर जनाब आएगाखेतियों पर ग़ज़ब का शबाब आएगा
और राजदा ने कनखियों से पल भर के लिए मुझे देखा और मुझे सिनेमा हॉल वाली वो रात याद आगई। जब पान पेश करते वक़्त मैंने उसका नर्म और सर्द हाथ अपने हाथों में ले लिया था। गाने की धीमी और दिल-नवाज़ सुरें कमरे की पुर सुकून और ख़ुशबुओं भरी फ़िज़ा में तैर रही थीं और राजदा सबकी नज़रें बचा कर मेरी तरफ़ देख लेती थी। उसकी निगाहों में चाँदनी की नर्म ख़ुन्की और बहार...
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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