आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "صحبت"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "صحبت"
ग़ज़ल
सुकून-ए-मुस्तक़िल दिल बे-तमन्ना शैख़ की सोहबत
ये जन्नत है तो इस जन्नत से दोज़ख़ क्या बुरा होगा
हरी चंद अख़्तर
ग़ज़ल
वाइ'ज़ से रह-ओ-रस्म रही रिंद से सोहबत
फ़र्क़ इन में कोई इतना ज़ियादा तो नहीं था
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
ता कुजा अफ़सोस-ए-गरमी-हा-ए-सोहबत ऐ ख़याल
दिल बा-सोज़-ए-आतिश-ए-दाग़-ए-तमन्ना जल गया
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
इश्क़ में ज़िल्लत हुई ख़िफ़्फ़त हुई तोहमत हुई
आख़िर आख़िर जान दी यारों ने ये सोहबत हुई
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
सई ओ तलाश बहुत सी रहेगी इस अंदाज़ के कहने की
सोहबत में उलमा फ़ुज़ला की जा कर पढ़िए गिनयेगा
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
क्या जाने दाब सोहबत अज़ ख़्वेश रफ़्तगाँ का
मज्लिस में शैख़-साहिब कुछ कूद जानते हैं
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
जो सोहबत-ए-अग़्यार में इस दर्जा हो बेबाक
उस शोख़ की सब शर्म-ओ-हया मेरे लिए है