आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "طلوع"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "طلوع"
ग़ज़ल
ये तुलू-ए-रोज़-ए-मलाल है सो गिला भी किस से करेंगे हम
कोई दिलरुबा कोई दिल-शिकन कोई दिल-फ़िगार कहाँ रहा
अदा जाफ़री
ग़ज़ल
साबिर ज़फ़र
ग़ज़ल
न था अपनी ही क़िस्मत में तुलू-ए-मेहर का जल्वा
सहर हो जाएगी शाम-ए-ग़रीबाँ हम नहीं होंगे
अब्दुल मजीद सालिक
ग़ज़ल
तुलू-ए-सुब्ह ने चमका दिए हैं अब्र के चाक
'नदीम' ये मिरा दामान-ए-मुद्दआ' ही न हो