आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ناموس"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ناموس"
ग़ज़ल
हमें रोके हुए है पास-ए-नामूस-ए-मोहब्बत
ये मत समझो कि हम दुनिया की पर्वा कर रहे हैं
इरफ़ान सत्तार
ग़ज़ल
शब कि वो मजलिस-फ़रोज़-ए-ख़ल्वत-ए-नामूस था
रिश्ता-ए-हर-शम'अ ख़ार-ए-किस्वत-ए-फ़ानूस था
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
पास-ए-नामूस ने फिर रुख़्सत-ए-रफ़्तन चाही
शोहरत-ए-हुस्न वही उल्फ़त-ए-रुस्वा है वही
ग़ुलाम भीक नैरंग
ग़ज़ल
नामूस-ए-वफ़ा का पास रहा शिकवा भी ज़बाँ तक ला न सके
अंदर से तो रोए टूट के हम पर एक भी अश्क बहा न सके
परवीन फ़ना सय्यद
ग़ज़ल
ये लोग वफ़ा के हामी थे नामूस-ओ-हया के हामी थे
बस एक रसूल के क़ाइल बस एक ख़ुदा के हामी थे