आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सेहराओं"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "सेहराओं"
ग़ज़ल
फूल बबूल के अच्छे हैं लेकिन साकित तस्वीरों में
सच मुच के सेहराओं की तो इस दिल जैसी सूरत है
ऐतबार साजिद
ग़ज़ल
ऐसे आहु-ए-रम-ख़ुर्दा की वहशत खोनी मुश्किल थी
सेहर किया ए'जाज़ किया जिन लोगों ने तुझ को राम किया
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
रहरव-ए-राह-ए-मोहब्बत रह न जाना राह में
लज़्ज़त-ए-सहरा-नवर्दी दूरी-ए-मंज़िल में है
बिस्मिल अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
बात ये है कि सुकून-ए-दिल-ए-वहशी का मक़ाम
कुंज-ए-ज़िंदाँ भी नहीं वुसअ'त-ए-सहरा भी नहीं