आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".nouv"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम ".nouv"
ग़ज़ल
नौ-गिरफ़्तार-ए-बला तर्ज़-ए-वफ़ा क्या जानें
कोई ना-शाद सिखा दे उन्हें नालाँ होना
चकबस्त बृज नारायण
ग़ज़ल
नाम भी लेना है जिस का इक जहान-ए-रंग-ओ-बू
दोस्तो उस नौ-बहार-ए-नाज़ की बातें करो
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
है सवा नेज़े पे उस के क़ामत-ए-नौ-ख़ेज़ से
आफ़्ताब-ए-सुब्ह-ए-महशर है गुल-ए-दस्तार-ए-दोस्त