आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bahil"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "bahil"
ग़ज़ल
ऐ गिर्या तू ख़ातिर से मिरी कीजो न सर्फ़ा
मैं ख़ून-ए-दिल-ए-ख़स्ता किया तुझ पे बहिल आज
क़ाएम चाँदपुरी
ग़ज़ल
हम दर्द-ब-दिल नालाँ वो दस्त-ब-दिल हैराँ
ऐ इश्क़ तो क्या ज़ालिम तेरा ही ज़माना है
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
मुद्दतों बा'द उस ने आज मुझ से कोई गिला किया
मंसब-ए-दिलबरी पे क्या मुझ को बहाल कर दिया
परवीन शाकिर
ग़ज़ल
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
ज़हे वो दिल जो तमन्ना-ए-ताज़ा-तर में रहे
ख़ोशा वो उम्र जो ख़्वाबों ही में बहल जाए
उबैदुल्लाह अलीम
ग़ज़ल
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
जब सब के लब सिल जाएँगे हाथों से क़लम छिन जाएँगे
बातिल से लोहा लेने का एलान करेंगी ज़ंजीरें