आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "silsila"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "silsila"
ग़ज़ल
जिस को भी चाहा उसे शिद्दत से चाहा है 'फ़राज़'
सिलसिला टूटा नहीं है दर्द की ज़ंजीर का
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
दिल से पहुँची तो हैं आँखों में लहू की बूँदें
सिलसिला शीशे से मिलता तो है पैमाने का
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
तुझे क्या ख़बर मिरे बे-ख़बर मिरा सिलसिला कोई और है
जो मुझी को मुझ से बहम करे वो गुरेज़-पा कोई और है
नसीर तुराबी
ग़ज़ल
तू नहीं तो ज़िंदगी में और क्या रह जाएगा
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा