आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "دل_فگار"
नज़्म के संबंधित परिणाम "دل_فگار"
नज़्म
आपस की फूट से हो क्यूँ दिल-फ़िगार दोनों
हाँ छोड़ दो ये रंजिश बन जाओ यार दोनों
चंद्रभान कैफ़ी देहल्वी
नज़्म
ख़स्ता-जिगर हो तुम भी हो दिल-फ़िगार तुम भी
हालत है वो हमारी हो अश्क-बार तुम भी
मास्टर बासित बिस्वानी
नज़्म
वो फ़र्त-ए-शौक़ में हँस हँस के मिल रहे हैं गले
है शाद 'जौहर'-ए-सीना-फ़िगार ईद के दिन