आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "نطق"
नज़्म के संबंधित परिणाम "نطق"
नज़्म
अता मोमिन को फिर दरगाह-ए-हक़ से होने वाला है
शिकोह-ए-तुर्कमानी ज़ेहन हिन्दी नुत्क़ आराबी
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
नुत्क़ को सौ नाज़ हैं तेरे लब-ए-एजाज़ पर
महव-ए-हैरत है सुरय्या रिफ़अत-ए-परवाज़ पर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
में क़सम खाता हूँ अपने नुत्क़ के ए'जाज़ की
तुम को बज़्म-ए-माह-ओ-अंजुम में बिठा सकता हूँ मैं
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
नुत्क़ हो जाता है इल्मी इस्तलाहों से उदास
लाल-ए-लब में शहद की बाक़ी नहीं रहती मिठास
जोश मलीहाबादी
नज़्म
याद मिस्ल-ए-नुत्क़ पागल है कि इस के लफ़्ज़ मअ'नी से तही हैं
ये जिसे तुम ग़म अज़िय्यत दर्द आँसू
अमजद इस्लाम अमजद
नज़्म
जो राज़ कोशिश-ए-नुत्क़-ओ-ज़बाँ से खुल न सका
वो राज़ अपनी निगाहों से आश्कार किया
सीमाब अकबराबादी
नज़्म
मुसलसल इरतक़ा-ए-आदमियत इस से मज़हर है
ब-क़ैद-ए-नुत्क़-ए-'माजिद' रहबर-ए-अक़्वाम है उर्दू
माजिद-अल-बाक़री
नज़्म
दिल में जब अशआर की होती है बारिश बे-शुमार
नुत्क़ पर बूँदें टपक पड़ती हैं कुछ बे-इख़्तियार
जोश मलीहाबादी
नज़्म
इक तरफ़ हाजत की शिद्दत इक तरफ़ ग़ैरत का जोश
नुत्क़ पर हर्फ़-ए-तमन्ना दिल में ग़ुस्से का ख़रोश
जोश मलीहाबादी
नज़्म
नुत्क़ तो अब भी है पर शोला-फ़िशाँ है कि नहीं
सोज़-ए-पिन्हाँ से तिरी रूह तपाँ है कि नहीं
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
ज़ोफ़ दिखलाई है जब भी फ़ितरत-ए-अहरार ने
आग बरसा दी है तेरे नुत्क़-ए-गौहर-बार ने