आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बुज़ुर्ग-ए-दीं"
नज़्म के संबंधित परिणाम "बुज़ुर्ग-ए-दीं"
नज़्म
सुब्ह-दम बाद-ए-सबा की शोख़ियाँ काम आ गईं
लाला-ओ-गुल को बग़ल-गीरी का मौक़ा मिल गया
सय्यदा शान-ए-मेराज
नज़्म
उठा होटल का 'पर्दा सामने पर्दा-नशीं आए
जो छुप कर कर रहे थे एहतिराम-ए-हुक्म-ए-दीं आए
मजीद लाहौरी
नज़्म
अब रस्म-ए-सितम हिकमत-ए-ख़ासान-ए-ज़मीं है
ताईद-ए-सितम मस्लहत-ए-मुफ़्ती-ए-दीं है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
एशिया वाले हैं इस नुक्ते से अब तक बे-ख़बर
फिर सियासत छोड़ कर दाख़िल हिसार-ए-दीं में हो
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
कोढ़ के धब्बे छुपा सकता नहीं मल्बूस-ए-दीं
भूक के शोले बुझ सकता नहीं रूह-उल-अमीं
मख़दूम मुहिउद्दीन
नज़्म
मुद्दआ तेरा अगर दुनिया में है ता'लीम-ए-दीं
तर्क-ए-दुनिया क़ौम को अपनी न सिखलाना कहीं
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
हक़-परस्ती के लिए जैसे वली उठते हैं
हिफ़्ज़-ए-दीं के लिए फ़रज़ंद-ए-'अली उठते हैं