आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "haalaat-e-daruu.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "haalaat-e-daruu.n"
नज़्म
महरम-ए-सिर्र-ए-दरूँ है किस क़दर तेरी निगाह
गुल के पैराहन में आती है तुझे बू-ए-तुराब
बिसमिल देहलवी
नज़्म
मिरी तारीक फ़ितरत में भी इक तक़्दीस का शोअ'ला
किसी कैफ़-ए-दरूँ से फूट जाता है
उबैदुर्रहमान आज़मी
नज़्म
कहीं कोई नज़र आता नहीं किस से कहे 'शाहिद'
ख़ुदारा हालत-ए-दर्द-ए-निहानी देखते जाओ
फ़ज़ल हक़ अज़ीमाबादी
नज़्म
जिस के हंगामों में हो इबलीस का सोज़-ए-दरूँ
जिस की शाख़ें हों हमारी आबियारी से बुलंद
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
बताता हालत-ए-रफ़्तार-ए-शब सहरा-नशीनों को
नुजूम-ए-चर्ख़ बन कर कारवाँ-दर-कारवाँ हो कर
अहसन अहमद अश्क
नज़्म
उफ़ुक़ पे डूबते दिन की झपकती हैं आँखें
ख़मोश सोज़-ए-दरूँ से सुलग रही है ये शाम!
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
वजूद-ए-ज़न से है तस्वीर-ए-काएनात में रंग
उसी के साज़ से है ज़िंदगी का सोज़-ए-दरूँ