राजेन्द्र मनचंदा बानी के 15 बेहतरीन शेर
आधुनिक उर्दू ग़ज़ल की सबसे शक्तिशाली आवाज़ों में शामिल
कोई भूली हुई शय ताक़-ए-हर-मंज़र पे रक्खी थी
सितारे छत पे रक्खे थे शिकन बिस्तर पे रक्खी थी
वो टूटते हुए रिश्तों का हुस्न-ए-आख़िर था
कि चुप सी लग गई दोनों को बात करते हुए