ग़ज़लें
शायर और शोधकर्ता, ग़ालिब के दीवान और उनके पत्रों के हवाले से कई शोधपूर्ण कार्य किये
उर्दू में हास्य-व्यंग के सबसे बड़े शायर , इलाहाबाद में सेशन जज थे।
परम्परा और अधुनिक काव्य विचारधारा के सामंजस्य का शायर, संजीदा अदबी महफ़िलों में लोकप्रिय
पूर्वाधुनिक शायर, नज़्म और ग़ज़ल दोनों विधाओं में शायरी की; बच्चों के लिए भी बेहतरीन नज़्में लिखीं
हैदराबाद के प्रसिद्ध शायर,जोश के समकालीन, दोनों के मध्य समकालिक नोक झोंक भी रही. अपनी लम्बी नज़्म ‘कौल फैसल’ के लिए प्रसिद्ध
प्रचलित साहित्यिक विभूति, आलोचक और शायर, दर्शन, धर्मशास्त्र और साहित्यिक अलोचना पर कई किताबें लिखीं
शायर और साहित्यिक पत्रकार, ‘नशेमन’, ‘मशरिक़’ और ‘नई क़द्रें’ जैसी साहित्यिक पत्रिकाओं का सम्पादन किया. पद्य गद्य में कई कई किताबें प्रकाशित हुईं