Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

नअत

1939 -2022

हम्द और ना’त के अहम शायर

1829 -1900

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

1908 -1979

मशहूर शायर जोश मलसियानी के पुत्र

1837 -1914

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध

1884 -1936

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, अपने सूफ़ियाना लहजे के लिए प्रसिद्ध।

1901 -1963

प्रसिद्ध शायर, रूमान और सामाजिक चेतना की नज़्में,ग़ज़लें और रुबाईयाँ कहीं

1931 -2008

बेइंतिहा लोकप्रिय शायर/अपनी रूमानी और एंटी-स्टैब्लिशमेंट शायरी के लिए प्रसिद्ध

1873 -1951

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, जिगर मुरादाबादी के समकालीन।

2002

नई नस्ल के नुमाइंदा शाइरों में शामिल, ग़ज़ल में बेसाख़्तगी का इज़हार

1834 -1917

सूफ़ियाना विचारधारा के लोकप्रिय शायर

बोलिए