aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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लाला माधव राम जौहर

1810 - 1889

हर मौक़े पर याद आने वाले कई शेर देने वाले विख्यात शायर , मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन।

हर मौक़े पर याद आने वाले कई शेर देने वाले विख्यात शायर , मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन।

लाला माधव राम जौहर की चित्र शायरी

ख़्वाब में नाम तिरा ले के पुकार उठता हूँ

थमे आँसू तो फिर तुम शौक़ से घर को चले जाना

दिल को समझाओ ज़रा इश्क़ में क्या रक्खा है

वही शागिर्द फिर हो जाते हैं उस्ताद ऐ 'जौहर'

दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या क्या

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