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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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महशर इनायती

1909 - 1976 | रामपुर, भारत

रामपूर स्कूल के रंग मे शायरी करने वाले प्रतिष्ठित शायर

रामपूर स्कूल के रंग मे शायरी करने वाले प्रतिष्ठित शायर

महशर इनायती के ऑडियो

ग़ज़ल

ख़ुश हैं बहुत मिज़ाज-ए-ज़माना बदल के हम

फ़सीह अकमल

तिरे सुलूक-ए-तग़ाफ़ुल से हो के सौदाई

फ़सीह अकमल

न ग़ैर ही मुझे समझो न दोस्त ही समझो

नोमान शौक़

बे-रंग थे आरज़ू के ख़ाके

नोमान शौक़

मसर्रतों की साअतों में इख़्तिसार कर लिया

नोमान शौक़

लब पे इक नाम हमेशा की तरह

नोमान शौक़

हम से गुमराह ज़माने ने कहाँ देखे हैं

नोमान शौक़

हार कर हिज्र-ए-ना-तमाम से हम

नोमान शौक़

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