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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Shehzad Anjum Burhani's Photo'

शहज़ाद अंजुम बुरहानी

1986 | बुरहानपुर, भारत

नई नस्ल के अहम शाइरों में शुमार

नई नस्ल के अहम शाइरों में शुमार

शहज़ाद अंजुम बुरहानी

ग़ज़ल 38

नज़्म 8

अशआर 17

अभी से फ़ल्सफ़ा-ए-रेग-ज़ार की बातें

अभी तो 'इश्क़ के मकतब में हाज़िरी हुई है

आज की रात है बहुत भारी

आज की रात बस गुज़र जाए

बुलंदी से उतारा जा रहा हूँ

मैं तारीफ़ों से मारा जा रहा हूँ

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ज़माना जिन की क़यादत में गामज़न था वो लोग

भटक गए तिरी आँखों की रहनुमाई में

ये क्या कि ख़यालों से उड़ी जाती है ख़ुशबू

मैं ने तो अभी तक उसे सोचा भी नहीं है

पुस्तकें 5

 

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