aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "استعفیٰ"
हनीफ़ असअदी
born.1919
शायर
दर्द असअदी
1919 - 1990
उस्ताद वजाहत हुसैन ख़ाँ
born.1954
उस्ताद अज़मत हुसैन ख़ाँ
1911 - 1975
अस्ताद रामपुरी
लेखक
उस्ताद अमानत अली ख़ान
1922 - 1974
कलाकार
उस्ताद बरकत अली ख़ान
1905 - 1963
इदारा अदब-ए-इस्लामी हिन्द, महाराष्ट्र
पर्काशक
मरकज़ी मकतबा इस्लामी पब्लिशर्स, नई दिल्ली
संपादक
इदारा-ए-फ़िक्र-ए-इस्लामी, कराची
इस्लामी जमइय्यत तलबा, पाकिस्तान
इदारा तहक़ीक़ात-ए-इस्लामी, इस्लामाबाद
नय्यर असअदी
मोहम्मद उबैदुल्लाह असअदी
मरकज़ी मकतबा इस्लामी, दिल्ली
हमने सही सही बता दिया, झूम ही तो गए। कहने लगे, "मैं भी एक साल उधर काट चुका हूँ। वहां के बाजरे की खिचड़ी की तो दूर दूर तक धूम है।" मज़ीद जिरह की हममें ताब न थी। लिहाज़ा उन्होंने अपने आप को हमारे हाँ मुलाज़िम रख लिया। दूसरे दिन...
यही ठहरी जो शर्त-ए-वस्ल-ए-लैलातो इस्तीफ़ा मिरा बा-हसरत-ओ-यास
मैं जज़्बात से वाक़िफ़ नहीं हूँ मगर बाप मुझ पर जान छिड़कते थे। उनकी मौत का मुझे सख़्त सदमा हुआ। फ़ारूक़ ने मुझे बड़े प्यार के दिलासे भरे ख़त लिखे तो ज़रा ढारस बँधी। उसने लिखा…, नमाज़ पढ़ा करो बहुत बुरा वक़्त है। दुनिया पर काली आँधी चल रही है।...
आशिक़ी से क्यूँ हम इस्तीफ़ा न देंहोटलों का बिल दिया जाता नहीं
मैंने पूछा, “उसने ये सुन कर कुछ कहा।” ब्रिज ने जवाब दिया, “फ़क़त ये... तुम सिली इडियट हो!”...
किसी भी विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है. जहां माता-पिता बच्चों की शारीरिक नशो नुमा में हिस्सा लेते हैं वहीं शिक्षक बौद्धिक विकास में. आज का दिन शिक्षकों के इन्हीं योगदानों के लिए ख़िराज-ए-तहसीन पेश करने का है. इस शिक्षक दिवस पर हमने आपके लिए कुछ अच्छे शेरों का एक चयन किया है. इन्हें पढ़ीए और अपने शिक्षकों के साथ साझा कीजीए.
क्लासिक उर्दू शायरी का शौक़ रखने वाले लोग इन ग़ज़लों को पढ़े बग़ैर नहीं रह सकते हैं | मुम्किन है कि आपने भी ये ग़ज़लें पढ़ी हों, अगर नहीं पढ़ी तो ज़रूर पढ़ें |
इस्लामी इतिहास पर दस सर्वश्रेष्ठ उर्दू पुस्तकें यहाँ पढ़ें। इस पृष्ठ में इस्लामी इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिन्हें रेख़्ता ने ईबुक पाठकों के लिए चुना है।
Shaitan Ka Istifa
कृष्ण चंदर
अफ़साना
इस्लामी उलूम
अब्दुल वारिस ख़ाँ
इस्लामियात
Kulliyat-e-Hasan
मोहम्मद हसन रज़ा खान
कुल्लियात
Fiqh-e-Islami Ka Tareekhi Pas-Manzar
मोहम्मद तक़ी अमीनी
Islami Tareekh-o-Tahzeeb
बारी अलीग
इस्लामिक इतिहास
Islami Saltanatein
केलिफोर्ड ई बोसोर्थ
इतिहास
Shahkar Islami Encyclopedia
सय्यद क़ासिम महमूद
विश्वकोश
Islami Saqafat
नसीर अहमद नासिर
शोध
Hind Islami Tahzeeb Ka Irtiqa
इमादुल हसन आज़ाद फ़ारूक़ी
सांस्कृतिक इतिहास
तारीख़-ए-अफ़कार-ओ-उलूम-ए-इस्लामी
राग़िबुल तब्बाख़
Jurm-o-Saza Ka Islami Falsafa
डॉ. तंज़ीलुर्रहमान
Islami Nazariya-e-Hayat
ख़ुर्शीद अहमद
Islami Hukumat Kis Tarah Qaim Hoti Hai
सय्यद अबुल आला मोदूदी
Mausiqi Hazrat Ameer Khusrau
उस्ताद चाँद ख़ान
सूफ़ीवाद / रहस्यवाद
उर्दू शायरी में इस्लामी तलमीहात
अताउर्रहमान सिद्दीक़ी नदवी
शायरी तन्क़ीद
शराब जब ख़ूब चढ़ जाती है तो वो सक्खू बाई को उस आदमी के पास छोड़कर किसी बहाने से चला जाता। सक्खू बाई समझती थी कि वो गनपत का उल्लू बना रही है और आहिस्ता-आहिस्ता वो साहब की ख़िदमत करते करते बीवी की इवज़ी भी भुगतने लगी। इसी तरह गनपत...
1903 میں میاں دانی نے اور میں نے ہندو کالج دہلی سے ایف اے کا امتحان پاس کیا اور دونوں مشن کالج میں داخل ہو گئے۔ ایف اے میں میرا مضمون اختیاری سائنس اور دانی کا عربی تھا۔ انہوں نے مجھے مشورہ دیا کہ بے اے میں عربی لے لو،...
मुसलमानो तुमको ख़ुदा के आगे भी जवाब देना होगा, बनात-ए-इस्लाम को रक़्स-ओ-सुरूद की ता'लीम। स्कूल को बंद करो। (ये सब क़िस्से खेम की मुसलमान सहेली किशोरी उसे सुनाया करती थी जो पड़ोस में रहती थी। सद्र-ए-आ'ला के चबूतरे के आगे वाले मकान में वो इस्लामिया गर्ल्ज़ स्कूल में पढ़ती थी।...
(اقبال) تمام دنیا کی نگاہیں آج کل رُوس پر جمی رہتی ہیں۔ آج سے پہلے بھی جمی رہتی تھیں مگر ان نگاہوں میں تمسخر کی ایک جھلک تھی۔ ایک قسم کا استہزا تھا۔ یورپ میں سیاست کی ٹیڑھی ٹوپی پہننے والے بانکے، روس کے مزدوروں کی جدوجہد دیکھتے تھے اور...
बौबी मुमताज़ की नज़र उस तस्वीर पर पड़ गई। उसने झुक कर देखा। वो सिग्रिड की तस्वीर थी। सिग्रिड अपने प्यारे से दो माह के बच्चे को मेज़ पर हाथों से थामे उसके पीछे से झाँक रही थी। वही मख़सूस तबस्सुम, उसके बाल उसी स्टाइल से बने थे। उसकी आँखें...
अच्छे बुरे हर क़ौम में होते हैं। शरीफ़ अफ़सर ख़ां साहब की सच्चाई और दयानतदारी और जफ़ाकशी की बड़ी क़दर करते थे और उनको अपनी अर्दली में रखते थे। मगर बा’ज़ ऐसे भी थे कि जिनके सर में ख़न्नास समाया हुआ था। उन्हें ख़ां साहब के ये ढंग पसंद न...
مگر آج کیا کیفیت ہے؟ ہمارا ہندی اسکول تلا ہوا ہے کہ وہ غیرہندی الفاظ کو ہندی میں کسی طرح داخل نہ ہونے دے گا، اسے ’’منشیۃ‘‘ سے محبت ہے مگر آدمی سے قطعی نفرت، درخواست مروج عام ہونے کے باوجود اس کے یہاں ممنوع ہے، اس کے بجائے وہ...
وہ پرائم منسٹر ضرور ہونا چاہتے تھے، مگر جس مقدارمیں وہ ذہنی سکون اور فرصت چاہتے تھے، وہ ہمارے ہاں صرف پرائمری اسکول کے ماسٹر کا حصہ ہے۔ ’’فراغتے و کتابے‘‘ کا جہاں اتنا عمل دخل ہو تو آپ خود قیاس فرما سکتے ہیں کہ معلمی کا پیشہ چھڑوانے میں...
रफ़्ता-रफ़्ता वक़्त गुज़ारी से इतने आजिज़ आगए कि एक दिन ये सोच कर कि न रहेगा बाँस और न बजेगी बाँसुरी, इस्तीफ़ा जेब में रखकर दफ़्तर पहुँचे लेकिन हमारी बदक़िस्मती मुलाहिज़ा फ़रमाइए कि क़ब्ल इसके कि हम इस्तीफ़ा पेश करते हमें ये ख़ुशख़बरी सुना दी गई कि फ़ुलां शोबे से...
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