aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "بدتر"
बशीर बद्र
born.1935
शायर
बद्र मुनीर
बद्र वास्ती
अंजुम इरफ़ानी
born.1937
असना बद्र
born.1971
अशोक मिज़ाज बद्र
born.1975
आसिम बद्र
born.1992
नोमान बद्र
born.1991
बद्र-ए-आलम ख़लिश
born.1962
बद्र शम्सी
लेखक
बद्र-ए-आलम ख़ाँ आज़मी
साबिर बद्र जाफ़री
बद्र जमाली
असलम बदर
born.1944
बद्र मोहम्मदी
born.1963
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दोन जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैंतुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
समी मुतअ'स्सिर होकर बोला, “मेरी ख़ंजरी से बदलोगे? दो आने की है।” हामिद ने ख़ंजरी की तरफ़ हिक़ारत से देख कर कहा, “मेरा दस्त-पनाह चाहे तो तुम्हारी ख़ंजरी का पेट फाड़ डाले। बस एक चमड़े की झिल्ली लगा दी, ढब-ढब बोलने लगी। ज़रा सा पानी लगे तो ख़त्म हो जाए।...
न जी भर के देखा न कुछ बात कीबड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
मैंने कहा, ‘‘कोई फ़र्क़ नहीं। सुनते हो मिर्ज़ा। कोई फ़र्क़ नहीं। हममें और हैवानों में... कम-अज़-कम मुझमें और हैवानों में कोई फ़र्क़ नहीं। हाँ हाँ मैं जानता हूँ तुम मीन-मीख़ निकालने में बड़े ताक़ हो। कह दोगे हैवान जुगाली करते हैं, तुम जुगाली नहीं करते। उनकी दुम होती है, तुम्हारी...
यूं तो रेख़्ता की ई-बुक लाइब्रेरी में उर्दू किताबों का विशाल संग्रह मौजूद है जिसमें सभी प्रकार की किताबें शामिल हैं, लेकिन रेख़्ता ने अपने पाठकों की सहूलत के लिए सौ बेहतरीन किताबों का चयन किया है जो उर्दू-साहित्य में आगे बढ़ने की दिशा में मददगार है।
इश्क़ आरम्भ से ही उर्दू शायरी का पसंदीदा विषय रहा है। रेख़्ता ने इस विषय पर 20 बेहतरीन अशआर का चयन किया है | चयन शेर की लोकप्रियता एवं स्तर पर आधारित है | हमें स्वीकार है के इस चयन में कईं बेहतरीन अशआर शामिल होने से रह गए होंगे | किसी बेहतर शेर का सुझाव कमेंट सेक्शन द्वारा किया जा सकता है | उचित शेर को 20 बेहतरीन अशआर की सूचि में शामिल किया जा सकता है | रेख़्ता सूचि के किसी संशोधित स्वरुप में आप की भागीदारी का अभिलाषी है |
लोकप्रिय शायर , साहित्य अकादमी' और 'पदम श्री' अवार्ड से सम्मानित .
बद-तरبد تر
aggravate, inferior, worse
Basheer Badr Ki Ghazlen
संकलन
Jadeed Urdu Ghazal
डॉ. राहत बद्र
शायरी तन्क़ीद
डॉ. बशीर बद्र की शायरी
अंजुम बाराबंकवी
Aas
ग़ज़ल
सेहत-ए-अल्फ़ाज़
सय्यद बदरुल हसन
भाषा
आज़ादी के बाद की ग़ज़ल का तन्क़ीदी मुताला
Ghazal Universe
Badar Shahzadi
अशरफ़ सबूही
कहानी
Kulliyat-e-Bashir Badr
Basheer Badr
रज़िया हामिद
इंतिख़ाब / संकलन
Islam Aur Jinsiyat
बदर-ए-शकीब
काम शास्त्र
Ikai
काव्य संग्रह
Masnawi Sahr-ul-Bayan
मीर हसन
मसनवी
सुर्ख़ गुलाब और बदर-ए-मुनीर
साक़ी फ़ारुक़ी
कुल्लियात
Nai Awaz
मेरी बीमारी का हाल उसे क्यूँ-कर मा'लूम हुआ? लेकिन फिर ख़याल आया कि ये बात तो उसी रात को मेरे चेहरे से ज़ाहिर हो गई होगी। या शायद किसी ने उसको मेरी दास्तान कह सुनाई हो। मेरा दिल धड़-धड़ करने लगा। इसके साथ ही साथ ख़ुशी का भी एहसास हुआ।...
اب رونا شروع ہونے والا ہے۔ میاں اکبر بہتر یہی ہے کہ تم چپکے سے کھسک جاؤ۔ اس میں شرمانے کی کیا بات ہے۔ تمہاری مردانگی میں کوئی فرق نہیں آتا۔ خیریت بس اب اسی میں ہے کہ خاموشی کے ساتھ کھسک جاؤ۔ ہجرت کرنے سے ایک رسول کی جان...
यकायक ज़ोर की ख़र-ख़र के साथ ग़ालिब चौंकते हैं और आँखें खोल देते हैं। हाली ने आगे बढ़कर एक पर्चा पेश किया। नवाब अलाउद्दीन ख़ां लोहारू का ख़त इस्तिफ़सार हाल व तलब ख़ैरियत का था। काग़ज़ कुछ देर सामने किए रहे, बेनूर आँखों ने सफ़ा को देखा, होंटों पर...
گوقباحت ہے بڑی کافریزداں ہونااس سے بدتر ہے مگر کافر انساں ہونا
قتل امام مقصد و تیاری نمازبدتر تھے کافروں سے مسلمان کربلا
मैं यहां तक सुन चुका तो मेरे मुँह से निकला, “अजीब-ओ-ग़रीब आदमी था।” मुमताज़ ने अपनी गुफ़्तुगु जारी रखी, “मेरा ख़याल था कि वो सर-ता-पा बनावट है... एक बहुत बड़ा फ़राड है। कौन यक़ीन कर सकता है कि वो उन तमाम लड़कियों को जो उसके धंदे में शरीक थीं। अपनी...
शुरू ही से रोते-धोते पैदा हुए। रूई के गालों पर रख कर पाले गए। कमज़ोर देख कर हर एक मुआफ़ कर देता। क़वी- हैकल भाई सर झुका कर पीट लेते। कुछ भी करें वालिद साहब कमज़ोर जानकर मुआफ़ कर देते। हर एक दिल-जोई में लगा रहता। मगर बीमार को बीमार...
पानी मौजूद था और पानी नहीं था। हिंदू पनाह-गुज़ीं पानी पी रहे थे और मुस्लमान पनाह-गुज़ीं प्यासे थे। पानी मौजूद था और मटकों की क़तारें स्टेशन के प्लेटफार्म पर सजी हुई थीं और पानी के नल खुले थे और भंगी आब-ए-दस्त के लिए पानी हिंदू मुसाफ़िरों को दे रहे थे।...
“इसकी आदत कैसे पड़ी उसे?” शहाब ने मेज़ पर से पेपर वेट उठा कर दवात पर रख दिया। “ऑप्रेशन हुआ तो बिगड़ गया। दर्द शिद्दत का था। उसका एहसास कम करने के लिए डाक्टर मोरफ़िया के इंजेक्शन देते रहे। तक़रीबन दो महीने तक... बस आदत होगई।”डाक्टर ख़ान ने मोरफ़िया और...
ग़ालिब: यानी ये कि परसों टामसन साहिब ने मुझे याद फ़रमाया, कल मैं पहुंचा। साहिब को इत्तिला कराई, ख़ुद पालकी से उतर कर ठहरा रहा कि साहिब हस्ब-ए-दसतूर इस्तिक़बाल को निकलेंगे, थोड़ी देर में साहिब का जमादार हमा-तन सवाल बन कर निकला कि आप अंदर क्यों नहीं आते। मैंने कहा,...
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