आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "سجا"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "سجا"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "سجا"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "سجا"
ग़ज़ल
ये हमीं थे जिन के लिबास पर सर-ए-रह सियाही लिखी गई
यही दाग़ थे जो सजा के हम सर-ए-बज़्म-ए-यार चले गए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
मुबारक सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
मैं उदासियाँ न सजा सकूँ कभी जिस्म-ओ-जाँ के मज़ार पर
न दिए जलें मिरी आँख में मुझे इतनी सख़्त सज़ा न दे