आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kafak"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "kafak"
शेर
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
बहादुर शाह ज़फ़र
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "kafak"
अन्य परिणाम "kafak"
कुल्लियात
पाँव हिनाई उस के ले आँखों पर अपनी हम ने रखे
ये देखा न रंग-ए-कफ़क पर हंगामा क्या बरपा होगा
मीर तक़ी मीर
कुल्लियात
गुल-बर्ग से हैं नाज़ुक ख़ूबी-ए-पा तो देखो
क्या है झमक कफ़क की रंग-ए-हिना तो देखो
मीर तक़ी मीर
कुल्लियात
उस के कफ़क की पामाली में दिल जो गया था शायद 'मीर'
यार इधर हो माइल टुक तो वो रफ़्ता हाथ आवे अब
मीर तक़ी मीर
कुल्लियात
चार क़दम चलने में उस के देखते जाते हैं जो कफ़क
फ़ित्ने सर खींचा ही करें हैं एक क़यामत बरपा लोग