aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
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परिणाम "shafaa.at"
फ़हीम अमरोहवी
लेखक
हेंसन रेहानी
1912 - 1976
शायर
शफ़ीक़ जौनपुरी
1902 - 1963
आरिफ़ शफ़ीक़
born.1956
सहबा लखनवी
1919 - 2002
शफ़ीक़ फातिमा शेरा
1930 - 2012
होश नोमानी रामपुरी
born.1933
आदित्य श्रीवास्तव शफ़क़
born.1999
फ़ारूक़ शफ़क़
1945 - 1996
गोपाल कृष्णा शफ़क़
शफ़ीक़ सैफ़ी
born.1990
सय्यद अहमद हुसैन शफ़ीक़ लखनवी
born.1864
शफ़ीक़ बरेलवी
1917 - 1999
सय्यदा शान-ए-मेराज
born.1948
शफ़क़ सुपुरी
ऐ मिरे सुब्ह-ओ-शाम-ए-दिल की शफ़क़तू नहाती है अब भी बान में क्या
ख़ुदाई का इंसाफ़ ख़ामोश रहतासुना है किसी की शफ़ाअत न होती
ऐ शाफ़ा-ए-महशर जो करे तू न शफ़ाअतफिर कौन वहाँ तेरे सिवा मेरे लिए है
कौनैन का ग़म याद-ए-ख़ुदा दर्द-ए-शफ़ाअतदौलत है यही दौलत-ए-सुल्तान-ए-मदीना
काम आई सर-ए-हश्र मोहम्मद की शफ़ाअतसब कहते हैं जा तेरी ख़ता कोई नहीं है
शाफ़ातشافات
شافہ (رک) كی جمع ۔
शफ़तشَفَت
अधर, ओष्ठ, होंठ, लब
शफ़ा'अतشَفاعَت
अभिस्ताव, विनती, निवेदन, विनय, सिफ़ारिश
शफ़ा'अत करनाشَفاعَت کَرْنا
सिफ़ारिश करना, क्षमा करना, माफ़ करना
Urdu Sahafat Ka Irtiqa
मासूम मुरादाबादी
Urdu Sahafat Bihar Mein
सय्यद अहमद क़ादरी
शोध
तारीख़-ए-अदबियात-ए-ईरान
रज़ा ज़ादा शफ़क़
Muslim Auqaf ka Intezam
शफ़ाअत अहमद ख़ाँ
इस्लामियात
Fun-e-Sahafat
ज़हूरूद्दीन
पत्रकारिता
Urdu Sahafat
अनवर अली देहलवी
Urdu Sahafat Aur Sir Syed Ahmed Khan
अब्दुल हई
उर्दू सहाफ़त की तारीख़
नादिर अली ख़ाँ
सक़ाफ़त और साम्राज
एडवर्ड सईद
विश्व
Urdu Sahafat Aur Jang-e-Aazadi 1857
Kashf-ul-Haqaiq
सय्यद शराफ़त नाैशाही
शोध / समीक्षा
तारीख़-ए-सहाफ़त
मोहम्मद इफ़्तिख़ार खोखर
उर्दू सहाफ़त का जाएज़ा
अहमद इब्राहीम अल्वी
Mukammal Computer Training Guide
शफ़क़त अली
अन्य
Urdu Sahafat Mazi Aur Haal
ख़ालिद महमूद
शफ़ाअत क़यामत की ताबे' नहीं है ये चश्मा तो रोज़-ए-अज़ल से है जारीख़ता-कार बंदों पे लुत्फ़-ए-मुसलसल शफ़ाअत नहीं है तो फिर और क्या है
इताअ'त के इक़रार भी हर क़दम परशफ़ा'अत का इक़रार भी हर नज़र में
कहाँ तक न बेहोश-ओ-बे-ख़ुद करेगीमय-ए-वस्ल है कोई शर्बत नहीं है
बख़्शिश होगी तभी जो शफ़ा'अत मिले मुझेवा'दा ख़ुदा का पर हो इरादा रसूल का
अल्लाह का दीदार मोहम्मद की शफ़ाअत'माइल' को मिली हश्र के दिन या शब-ए-मेराज
बन आई तेरी शफ़ाअत से रू-सियाहों कीकि फ़र्द दाख़िल-ए-दफ़्तर हुई गुनाहों की
शफ़ाअत की दुआ में वो हवा देते हैं पर उस केजहन्नुम को बुझा सकता है परवाना मोहम्मद का
बख़्शिश ख़ुदा की है तो शफ़ाअत रसूल कीरखता हूँ दरमियान करीम ओ रहीम का
शाफ़े-ए-हश्र शफ़ाअत पे कमर-बस्ता हैआज हर सम्त गुनहगार नज़र आते हैं
ख़रीद-ए-जिंस-ए-शफ़ाअत में होगी कैफ़ियतहमारी गाँठ में है नक़्द-ए-आबरू-ए-शराब
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