aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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Raziya Faseeh Ahmad
born.1934
Poet
Razia Butt
1924 - 2012
Author
Raziya Sajjad Zaheer
1918 - 1979
Razia Halim Jang
born.1922
Raziya Parveen
Razia Rana
Raziya Subhan
Razia Akbar Hasan
Razia Kazmi
Razia Noor Mohammad
Raziya Jameel
Raziya Ismail
Editor
Raziya Mobeen Naqvi
Raziya Hamid
born.1947
Raziya Tahseen
ek 'faraaz' tumhii.n tanhaa ho jo ab tak dukh ke rasiyaa hovarna aksar dil vaalo.n ne dard kaa rasta chho.D diyaa hai
तीन नौजवान ऐंग्लो इंडियन लड़कियाँ उन तस्वीरों को ज़ौक़-व-शौक़ से देख रही थीं। एक ख़ास शान-ए-इस्ति़ग़ना के साथ मगर सिन्फ़-ए-नाज़ुक का पूरा पूरा एहतिराम मल्हूज़ रखते हुए वो भी उनके साथ साथ मगर मुनासिब फ़ासले से उन तस्वीरों को देखता रहा। लड़कियाँ आपस में हंसी मज़ाक़ की बातें भी करती...
agar ik duusre ke naam ho jaa.e.nto kyaa is se hamaare fan ke rasiyaa
एशिया ने दुनिया को दो नेअमतों से रूशनास किया। चाय और चारपाई और उन में ये ख़ासियत मुश्तर्क है कि दोनों सर्दीयों में गर्मी और गर्मियों में ठंडक पहुंचाती हैं। अगर गर्मी में लोग खरी चारपाई पर सवार रहते हैं तो बरसात में ये लोगों पर सवार रहती है और...
na Dhor hai.n ki rassiyaa.ngale me.n mustaqil rahe.n
रसियाرسیا
lover
Iran Mein Jadeed Farsi Adab Ke Pachas Saal
Razia Akbar
History
Shabbo Aur Wahshi
Novel
Usool-e-Mashiyat
Raziya Nizami
Non Fiction
Aamozish-e-Urdu
Razia Tabassum
Language
Aabla Paa
Masnawi Sehr-ul-Bayan: Ek Tehzeebi Mutala
Raziya Sultana
Masnavi
Aag
Nawab Siddique Hasan Khan
Indian History
Nawab Sultan Jahan Begum
Allah De Banda Le
Women's writings
Bawarchi Khana
Raziya Khanam Bint Hameed
Barish Ka Aakhri Qatra
Stories
Gul Bano
Dil Aur Patthar
Romantic
Musarraton ka Shehar
क्रिकेट के रसिया हम जैसे ना आश्नाए फ़न को लाजवाब करने के लिए अक्सर कहते हैं, “मियां, तुम क्रिकेट की बारीकियों को क्या जानो? क्रिकेट अब खेल नहीं रहा, साईंस बन गया है साईंस!” अजीब इत्तफ़ाक़ है, ताश के धतिया भी रमी के मुताल्लिक़ निहायत फ़ख़्र से यही दावा करते...
एक दिन ये राज़ फ़ाश हो गया। निज़ामी बहुत घबराया कि ऐसा न हो, बना बनाया खेल बिगड़ जाये। जो फ़िल्म शौकत को डाइरेक्ट करना थी, उसकी हीरोइन नूर जहाँ मुक़र्रर की गई थी। दोनों का 'मेनचर मिलन' निज़ामी के लिए बड़ा अन्दोहनाक साबित हो सकता था। चुनांचे नूर जहाँ...
अलिफ़: ख़ूब! सुनते हैं कि आप मय-ए-नाब के बड़े रसिया थे? ग़ालिब: आसूदा बाद ख़ातिर ग़ालिब... क्या ज़िक्र छेड़ा वल्लाह।...
सबसे अच्छा एडिटोरियल स्टाफ़ इन दो पर्चों के पास था। दफ़्तर में एक के बजाय दो-दो टेलीप्रिंटर थे। तनख़्वाह मुक़र्ररा वक़्त से पहले मिल जाती थी। बोनस अलग मिलता था। घर का अलाउन्स, टांगे का अलाउन्स, सिगरटों का अलाउन्स, चाय का अलाउन्स, महंगाई अलाउन्स। ये सब अलाउन्स मिल कर तनख़्वाह...
kitne hii ham se ruup ke rasiyaa aa.e yahaa.n aur chal bhii diyetum ho ki itne husn ke hote ek na daaman thaam sake
प्यारे मियाँ अपनी फूफी अम्माँ के लाडले बेटे थे। लाड प्यार में ऐसे बिगड़े कि सातों ऐब करने लगे। हमारे ख़ानदान में वो पहले फ़र्द थे जिन्हों ने बायस्कोप देखा। एक दफ़ा में भी उनके कहे में आकर बहक गया। माधुरी को देखकर दिल बहुत बेक़ाबू हुआ। मगर मैंने अपने...
बाज़ लोगों को गाने बजाने से क़ुदरती लगाव होता है। ख़ुद चाहे बे-सुरे ही क्यों न हों मगर सुरीली आवाज़ पर जान देते हैं। राग उन पर जादू का सा असर करता है। रफ़्ता-रफ़्ता वो गाने-बजाने के ऐसे आदी हो जाते हैं जैसे किसी को कोई नशा लग जाए। साहब-ए-सरवत...
मिर्ज़ा ने झट से लुक़मा दिया, एक बदनसीब बीवी! सैर-ओ-सयाहत के रसिया, लेकिन ज़रा खुरच कर देखिए तो अंदर से ठेठ शहरी। ऐसा शहरी जो बड़ी मेहनत, बड़ी मशक़्क़त से जंगलों को ख़त्म कर के शहर आबाद करता है और जब शहर आबाद हो जाते हैं तो फिर जंगलों की...
अब मैंने बाक़ायदगी के साथ उनके हाँ जाना शुरू कर दिया। मैं भी चूँकि बोतल का रसिया था, इस लिए हम दोनों में गाढ़ी छनने लगी। एक दो माह के बाद मैंने महसूस किया कि डाक्टर सईद उलझा सा रहता है। अपने काम से उसकी दिलचस्पी दिन बदिन कम हो...
आपी की बैठक कोई आम बैठक न थी कि जिसका जी चाहा मुँह उठाया और चला आया। बैठक पर धन-दौलत का ज़ोर तो चलता ही है, बैठक पर आपी ने बरताव का ऐसा रंग चला रखा था कि ख़ाली धन-दौलत का ज़ोर न चलता था। नौ दौलतिए आते थे। पर...
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