आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kaa.nto"
नज़्म के संबंधित परिणाम "kaa.nto"
नज़्म
आज़ाद फ़िक्र से हूँ उज़्लत में दिन गुज़ारूँ
दुनिया के ग़म का दिल से काँटा निकल गया हो
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मैं खटकता हूँ दिल-ए-यज़्दाँ में काँटे की तरह
तू फ़क़त अल्लाह-हू अल्लाह-हू अल्लाह-हू
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
काँटे भी राह में हैं फूलों की अंजुमन भी
तुम फ़ख़्र-ए-क़ौम बनना और नाज़िश-ए-वतन भी
अहमद हातिब सिद्दीक़ी
नज़्म
इसी हिंडोले में 'विद्यापति' का कंठ खुला
इसी ज़मीन के थे लाल 'मीर' ओ 'ग़ालिब' भी
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
जाँ निसार अख़्तर
नज़्म
है रश्क-ए-महर ज़र्रा इस मंज़िल-ए-कुहन का
तुलता है बर्ग-ए-गुल से काँटा भी इस चमन का