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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अपना दर्द शायरी

हिचकियाँ रात दर्द तन्हाई

भी जाओ तसल्लियाँ दे दो

नासिर जौनपुरी

दिल दर्द की भट्टी में कई बार जले है

तब एक ग़ज़ल हुस्न के साँचे में ढले है

कलीम आजिज़

दिल का सारा दर्द भरा तस्वीरों में

एक मुसव्विर नक़्श हुआ तस्वीरों में

मनीश शुक्ला

अब दर्द में वो कैफ़ियत-ए-दर्द नहीं है

आया हूँ जो उस बज़्म-ए-गुल-अफ़्शाँ से गुज़र के

अली जव्वाद ज़ैदी

बहुत काम लेने हैं दर्द-ए-जिगर से

कहीं ज़िंदगी को क़रार जाए

क़ाबिल अजमेरी

कहूँ तो किस से कहूँ अपना दर्द-ए-दिल मैं ग़रीब

आश्ना मुसाहिब हम-नशीं कोई

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

बेदर्द मुझ से शरह-ए-ग़म-ए-ज़िंदगी पूछ

काफ़ी है इस क़दर कि जिए जा रहा हूँ मैं

हादी मछलीशहरी

कहाँ पे खोलोगे दर्द अपना किसे कहोगे

कहीं छुपाओ, ये हाल ले कर कहाँ चले हो

सरवत ज़ेहरा

यूँ ही हम दर्द अपना खो रहे हैं

यही रोना है हम क्यूँ रो रहे हैं

ज़हीर रहमती

बहार दर्द भरा इक़्तिबास छोड़ गई

हर इक शजर का बदन बे-लिबास छोड़ गई

तौक़ीर अब्बास

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