इश्क़ में मीर साहब
मीर को उर्दू का ख़ुदा-ए-सुख़न कहा जाता है और बजा कहा जाता है। ये मुन्तख़ब अशआर पढ़िए और मीर को एक आशिक़ के तौर पर देखने का लुत्फ़ लीजिए।
आलम आलम इश्क़-ओ-जुनूँ है दुनिया दुनिया तोहमत है
दरिया दरिया रोता हूँ मैं सहरा सहरा वहशत है
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
मीर को उर्दू का ख़ुदा-ए-सुख़न कहा जाता है और बजा कहा जाता है। ये मुन्तख़ब अशआर पढ़िए और मीर को एक आशिक़ के तौर पर देखने का लुत्फ़ लीजिए।
आलम आलम इश्क़-ओ-जुनूँ है दुनिया दुनिया तोहमत है
दरिया दरिया रोता हूँ मैं सहरा सहरा वहशत है