Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अज़ीज़ हामिद मदनी के 10 बेहतरीन शेर

नई उर्दू शायरी के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर, उनकी कई ग़ज़लें गायी गई हैं।

जो बात दिल में थी उस से नहीं कही हम ने

वफ़ा के नाम से वो भी फ़रेब खा जाता

अज़ीज़ हामिद मदनी

मेरी वफ़ा है उस की उदासी का एक बाब

मुद्दत हुई है जिस से मुझे अब मिले हुए

अज़ीज़ हामिद मदनी

ख़ूँ हुआ दिल कि पशीमान-ए-सदाक़त है वफ़ा

ख़ुश हुआ जी कि चलो आज तुम्हारे हुए लोग

अज़ीज़ हामिद मदनी

तिलिस्म-ए-ख़्वाब-ए-ज़ुलेख़ा दाम-ए-बर्दा-फ़रोश

हज़ार तरह के क़िस्से सफ़र में होते हैं

अज़ीज़ हामिद मदनी

ख़ुदा का शुक्र है तू ने भी मान ली मिरी बात

रफ़ू पुराने दुखों पर नहीं किया जाता

अज़ीज़ हामिद मदनी

वो लोग जिन से तिरी बज़्म में थे हंगामे

गए तो क्या तिरी बज़्म-ए-ख़याल से भी गए

अज़ीज़ हामिद मदनी

कह सकते तो अहवाल-ए-जहाँ तुम से ही कहते

तुम से तो किसी बात का पर्दा भी नहीं था

अज़ीज़ हामिद मदनी

बैठो जी का बोझ उतारें दोनों वक़्त यहीं मिलते हैं

दूर दूर से आने वाले रस्ते कहीं कहीं मिलते हैं

अज़ीज़ हामिद मदनी

शहर जिन के नाम से ज़िंदा था वो सब उठ गए

इक इशारे से तलब करता है वीराना मुझे

अज़ीज़ हामिद मदनी

दिलों की उक़्दा-कुशाई का वक़्त है कि नहीं

ये आदमी की ख़ुदाई का वक़्त है कि नहीं

अज़ीज़ हामिद मदनी

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए