संपूर्ण
परिचय
ग़ज़ल111
शेर86
ई-पुस्तक56
टॉप 20 शायरी 20
चित्र शायरी 32
ऑडियो 58
वीडियो58
गेलरी 4
ब्लॉग1
नासिर काज़मी के शेर
तू आँखों से ओझल होता जाता है
दूर खड़े हम ख़ाली हाथ हिलाते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कहते हैं ग़ज़ल क़ाफ़िया-पैमाई है 'नासिर'
ये क़ाफ़िया-पैमाई ज़रा कर के तो देखो
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
यूँ तो हर शख़्स अकेला है भरी दुनिया में
फिर भी हर दल के मुक़द्दर में नहीं तन्हाई
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हवा भी चल रही है और जागती है रात भी
जो आप कुछ कहें तो हम सुनाएँ दिल की बात भी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दाएम आबाद रहेगी दुनिया
हम न होंगे कोई हम सा होगा
-
टैग : दुनिया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं तो बीते दिनों की खोज में हूँ
तू कहाँ तक चलेगा मेरे साथ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़रा सी बात सही तेरा याद आ जाना
ज़रा सी बात बहुत देर तक रुलाती थी
बुलाऊँगा न मिलूँगा न ख़त लिखूँगा तुझे
तिरी ख़ुशी के लिए ख़ुद को ये सज़ा दूँगा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त मगर
तू ने वादा किया था याद तो कर
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तिरे बग़ैर भी ख़ाली नहीं मिरी रातें
है एक साया मिरे साथ हम-नशीं की तरह
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नींद आती नहीं तो सुबह तलक
गर्द-ए-महताब का सफ़र देखो
-
टैग : हिज्र
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐ याद-ए-दोस्त आज तू जी भर के दिल दुखा
शायद ये रात हिज्र की आए न फिर कभी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुझ बिन सारी उम्र गुज़ारी
लोग कहेंगे तू मेरा था
-
टैग : हिज्र
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिन भर तो मैं दुनिया के धंदों में खोया रहा
जब दीवारों से धूप ढली तुम याद आए
फिर सावन रुत की पवन चली तुम याद आए
फिर पत्तों की पाज़ेब बजी तुम याद आए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अपनी धुन में रहता हूँ
मैं भी तेरे जैसा हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ओ पिछली रुत के साथी
अब के बरस मैं तन्हा हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़िंदगी जिन के तसव्वुर से जिला पाती थी
हाए क्या लोग थे जो दाम-ए-अजल में आए
-
टैग : याद-ए-रफ़्तगाँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में
कोई दीवार सी गिरी है अभी
-
टैग : दिल
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वक़्त अच्छा भी आएगा 'नासिर'
ग़म न कर ज़िंदगी पड़ी है अभी
-
टैग : वक़्त
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सो गए लोग उस हवेली के
एक खिड़की मगर खुली है अभी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
भरी दुनिया में जी नहीं लगता
जाने किस चीज़ की कमी है अभी
-
टैग : मायूसी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इस क़दर रोया हूँ तेरी याद में
आईने आँखों के धुँदले हो गए
ये कह के छेड़ती है हमें दिल-गिरफ़्तगी
घबरा गए हैं आप तो बाहर ही ले चलें
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर ही ले चलें
आए हैं इस गली में तो पत्थर ही ले चलें
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इस शहर-ए-बे-चराग़ में जाएगी तू कहाँ
आ ऐ शब-ए-फ़िराक़ तुझे घर ही ले चलें
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
यूँ किस तरह कटेगा कड़ी धूप का सफ़र
सर पर ख़याल-ए-यार की चादर ही ले चलें
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कल जो था वो आज नहीं जो आज है कल मिट जाएगा
रूखी-सूखी जो मिल जाए शुक्र करो तो बेहतर है
-
टैग : धन्यवाद ज्ञापन
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उन्हें सदियों न भूलेगा ज़माना
यहाँ जो हादसे कल हो गए हैं
-
टैग : हादसा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जिन्हें हम देख कर जीते थे 'नासिर'
वो लोग आँखों से ओझल हो गए हैं
-
टैग : याद-ए-रफ़्तगाँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिल तो मेरा उदास है 'नासिर'
शहर क्यूँ साएँ साएँ करता है
दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से
फिर तिरा वादा-ए-शब याद आया
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
कुछ ख़बर ले कि तेरी महफ़िल से
दूर बैठा है जाँ-ब-लब कोई
-
टैग : जुदाई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
गिरफ़्ता-दिल हैं बहुत आज तेरे दीवाने
ख़ुदा करे कोई तेरे सिवा न पहचाने
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
चुप चुप क्यूँ रहते हो 'नासिर'
ये क्या रोग लगा रक्खा है
-
टैग : ख़ामोशी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तिरे फ़िराक़ की रातें कभी न भूलेंगी
मज़े मिले उन्हीं रातों में उम्र भर के मुझे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कभी ज़ुल्फ़ों की घटा ने घेरा
कभी आँखों की चमक याद आई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उस ने मंज़िल पे ला के छोड़ दिया
उम्र भर जिस का रास्ता देखा
-
टैग : मंज़िल
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये दोपहर की ज़र्दियाँ
अब आईने में देखता हूँ मैं कहाँ चला गया
ओ मेरे मसरूफ़ ख़ुदा
अपनी दुनिया देख ज़रा
-
टैग : ख़ुदा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सूरज सर पे आ पहुँचा
गर्मी है या रोज़-ए-जज़ा
-
टैग : गर्मी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तू ने तारों से शब की माँग भरी
मुझ को इक अश्क-ए-सुब्ह-गाही दे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जुर्म-ए-उम्मीद की सज़ा ही दे
मेरे हक़ में भी कुछ सुना ही दे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उम्र भर की नवा-गरी का सिला
ऐ ख़ुदा कोई हम-नवा ही दे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आँच आती है तिरे जिस्म की उर्यानी से
पैरहन है कि सुलगती हुई शब है कोई
-
टैग : आंच
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
पहाड़ों से चली फिर कोई आँधी
उड़े जाते हैं औराक़-ए-ख़िज़ानी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नई दुनिया के हंगामों में 'नासिर'
दबी जाती हैं आवाज़ें पुरानी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड