भारत के शायर और अदीब
कुल: 939
मुज़्तर ख़ैराबादी
प्रसिद्ध फ़िल्म गीतकार जावेद अख़्तर के दादा
मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
प्रमुख आधुनिक शायरों में विख्यात
मुज़फ़्फ़र ईरज
मुस्तफ़ा अली बेग
मुशर्रफ़ आलम ज़ौक़ी
उत्तर-आधुनिक कथा लेखक,संवेदनशील सामाजिक व राजनैतिक विषयों पर कहानियाँ और उपन्यास लिखने के लिए जाने जाते हैं।
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।
मुंतज़िर लखनवी
मुंशी सय्यद सुलैमान आसिफ़
मुंशी सज्जाद हुसैन
मुंशी राम सहाए तमन्ना
मुंशी मोहम्मद ज़काउल्लाह
मुंशी जगत मोहन लाल रवाँ
मुंशी फ़य्याजुद्दीन
- निधन : हैदराबाद
मुंशी दया नारायण निगम
मुंशी बिहारी लाल मुश्ताक़ देहलवी
मुंशी बनवारी लाल शोला
मुन्नी लाल जवान संदेलवी
मुनीर वाहिदी
मुनीर शिकोहाबादी
प्रसिद्ध क्लासिकी शायर जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया
मुनीर भोपाली
मुनव्वर राना
लोकप्रिय शायर, मुशायरों का ज़रूरी हिस्सा।
मुनव्वर लखनवी
रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध
मुम्मताज़ मिर्ज़ा
- निधन : दिल्ली
मुल्ला अब्दुल क़ादिर बदायुनी
मुख़्तारुद्दीन अहमद
मुख़तार शमीम
मुजतबा हुसैन
मुहिब हुसैन
मुफ़्ती मोहम्मद किफ़ायतुल्लाह
- जन्म : शाहजहाँपुर
- निधन : दिल्ली
मुद्राराक्षस
मोतीलाल नेहरू
इलाहाबाद के एक मशहूर वकील थे। वे भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के पिता थे। वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के आरम्भिक कार्यकर्ताओं में से थे। जलियांवाला बाग काण्ड के बाद 1919 में अमृतसर में हुई कांग्रेस के वे पहली बार अध्यक्ष बने और फिर 1928 में कलकत्ता में दोबारा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन। वह हकीम, ज्योतिषी और शतरंज के खिलाड़ी भी थे। कहा जाता है मिर्ज़ा ग़ालीब ने उनके शेर "तुम मेरे पास होते हो गोया, जब कोई दूसरा नही होता" पर अपना पूरा दीवान देने की बात कही थी
मोजिज़ संभली
मोईनुद्दीन अहमद नदवी
मुईन अहसन जज़्बी
प्रमुखतम प्रगतिशील शायरों में विख्यात/ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के समकालीन/अपनी गज़ल ‘मरने की दुआएँ क्यों माँगूँ.......’ के लिए प्रसिद्ध, जिसे कई गायकों ने स्वर दिए हैं
मोह्सिन्नुल मुल्क
मोहसिन काकोरवी
मोहन सिंह दीवाना
मोहम्मद ज़की सिद्दीक़ी
- निधन : दिल्ली