aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Ameer Minai's Photo'

अमीर मीनाई

1829 - 1900 | हैदराबाद, भारत

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

अमीर मीनाई के वीडियो

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
जब से बुलबुल तू ने दो तिनके लिए

अमीर मीनाई

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो

पंकज उदास

बेगम अख़्तर

अज्ञात

Na shauq e wasal ka da_wa

Na shauq e wasal ka da_wa मोहम्मद रफ़ी

अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है

अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है अज्ञात

हल्क़े में रसूलों के वो माह-ए-मदनी है

हल्क़े में रसूलों के वो माह-ए-मदनी है अज्ञात

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ विविध

ऐ ज़ब्त देख इश्क़ की उन को ख़बर न हो

ऐ ज़ब्त देख इश्क़ की उन को ख़बर न हो अज्ञात

जब से बुलबुल तू ने दो तिनके लिए

जब से बुलबुल तू ने दो तिनके लिए एजाज़ हुसैन हज़रावी

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता मेहरान अमरोही

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता जगजीत सिंह

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता जाज़म शर्मा

शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

अन्य वीडियो

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए