Prominent short story writer, known for writing fictional narratives of the traditional mores of Lucknowi life and times. Also wrote critical and autobiographical books.
Prominent short story writer, known for writing fictional narratives of the traditional mores of Lucknowi life and times. Also wrote critical and autobiographical books.
दानिशगाहों में मुश्किल से चार फ़ीसद या तीन फ़ीसद असातिज़ा ऐसे होंगे, जो मुताला फ़रमाते हैं, बाक़ी सब तरक़्क़ी के हिज्जे करते रहते हैं। ऐसे क़हत के आलम में जब ये मालूम होता है कि फ़ुलाँ शख़्स ने किताब पढ़ी है तो किस क़दर मुसर्रत होती है। इस को सही तौर पर बयान करना मुश्किल है।
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मुझको नज़र के धोके अस्ली मंज़रों से ज़्यादा अस्ली और वहम हक़ीक़तों से बड़ी हक़ीक़त मालूम होते हैं।
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