aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "''fariiha"
फ़रीहा नक़वी
शायर
फ़ारिहा अरशद
लेखक
फरीहा अनवर
फ़रीहा सय्यद अली
फ़रीहा परवेज़
born.1996
कलाकार
फ़रहत एहसास
born.1950
फ़रहत अब्बास शाह
born.1964
फ़रहत शहज़ाद
फ़रहत ज़ाहिद
born.1960
अहमद फ़रहाद
फ़ारिग़ बुख़ारी
1917 - 1997
सय्यदा फ़रहत
1938 - 2003
आदिल फ़रहत
born.1984
फ़रियाद आज़र
1956 - 2024
फ़रहत अब्बास
born.1956
हम तोहफ़े में घड़ियाँ तो दे देते हैंइक दूजे को वक़्त नहीं दे पाते हैं
तुम्हें पाने की हैसिय्यत नहीं हैमगर खोने की भी हिम्मत नहीं है
हम एक शहर में जब साँस ले रहे होंगेहमारे बीच ज़मानों के फ़ासले होंगे
हम दिसम्बर में शायद मिले थे कहीं..!!जनवरी, फ़रवरी, मार्च, अप्रैल....
फ़रियाद शायरी
फ़ातिहाفاتِحَہ
शुभारम्भ, श्रीगणेश
फ़ातिहाفاتِحا
कुरान की पहली सूरत या आयत
फ़रीज़ा فَرِیضَہ
ईश्वरीय आदेश जिसका पालन करना बंदों का फ़र्ज़ होता है, पवित्र कर्तव्य, जैसे- नमाज़, हज, रोज़ा आदि
फ़र'इयाفَرْعِیَہ
وہ دینی مسائل جو عمل سے متعلق ہوں .
Khwaja Mohammad Ikramuddeen Ba-Haisiyat-e-Safarnama Nigar
शायरी तन्क़ीद
Pahli Kiran
काव्य संग्रह
फ़ारिहा
सय्यदा माजिदा ख़ातून
महिलाओं की रचनाएँ
Urdu Dastan Tahqeeq-o-Tanqeed
क़मरुल हुदा फ़रीदी
फ़िक्शन तन्क़ीद
आवारा मिज़ाज
संकलन
तर्जुमा-ए-तारीख़-ए-फरिश्ता उर्दू
मोहम्मद क़ासिम फिरिश्ता
भारत का इतिहास
Urdu Dastan:Tahqeeq-o-Tanqeed
Maqabees-ul-Majalis
ख़्वाजा ग़ुलाम फ़रीद
सूफ़ीवाद / रहस्यवाद
Mazameen-e-Farhat
मिर्ज़ा फ़रहतुल्लाह बेग
गद्य/नस्र
Tafseer-e-Nizamul-Quran
हमीदुद्दीन फराही
इस्लामियात
Tareekh-e-Farishta Urdu
मैं रोना चाहता हूँ
लेख
Shairi Nahin Hai Ye
Tasawwuf Ek Tajziyati Mutala
उबैदुल्लाह फ़राही
समा और अन्य शब्दावलियाँ
वो अगर अब भी कोई अहद निभाना चाहेदिल का दरवाज़ा खुला है जो वो आना चाहे
ऐ मिरी ज़ात के सुकूँ आ जाथम न जाए कहीं जुनूँ आ जा
इसे भी छोड़ूँ उसे भी छोड़ूँ तुम्हें सभी से ही मसअला है?मिरी समझ से तो बाला-तर है ये प्यार है या मुआहिदा है
ज़माने अब तिरे मद्द-ए-मुक़ाबिलकोई कमज़ोर सी औरत नहीं है
तुम्हारे रंग फीके पड़ गए नाँ?मिरी आँखों की वीरानी के आगे
दे रहे हैं लोग मेरे दिल पे दस्तक बार बारदिल मगर ये कह रहा है सिर्फ़ तू और सिर्फ़ तू
खुल कर आख़िर जहल का एलान होना चाहिएहक़-परस्तों के लिए ज़िंदान होना चाहिए
किसी का देख के धीमे से मुस्कुरा देनाकिसी के वास्ते कुल काएनात होती है
तुम्हें पता है मिरे हाथ की लकीरों मेंतुम्हारे नाम के सारे हुरूफ़ बनते हैं
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