आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "درس"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "درس"
ग़ज़ल
शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी
न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही
सिराज औरंगाबादी
नज़्म
ख़्वाब जो बिखर गए
ख़ुशा वो दौर-ए-बे-ख़ुदी कि जुस्तुजू-ए-यार थी
जो दर्द में सुरूर था तो बे-कली क़रार थी
आमिर उस्मानी
नज़्म
किस से मोहब्बत है
निगाह-ए-शौक़ की बेबाकियों पर मुस्कुरा देना
जुनूँ को दर्स-ए-तमकीं दे गईं नादानियाँ उस की
असरार-उल-हक़ मजाज़
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "درس"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "درس"
शेर
सिराज औरंगाबादी
नज़्म
हिण्डोला
इसी ज़मीन पे घुटनों के बल चले होंगे
'मलिक-मोहम्मद' ओ 'रसखान' और 'तुलसी-दास'