आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kafan"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "kafan"
ग़ज़ल
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
जावेद अख़्तर
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "kafan"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "kafan"
ग़ज़ल
आज वाँ तेग़ ओ कफ़न बाँधे हुए जाता हूँ मैं
उज़्र मेरे क़त्ल करने में वो अब लावेंगे क्या
मिर्ज़ा ग़ालिब
नज़्म
आदमी-नामा
मरने में आदमी ही कफ़न करते हैं तयार
नहला-धुला उठाते हैं काँधे पे कर सवार
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
किसी को उदास देख कर
ये शाह-राहों पे रंगीन साड़ियों की झलक
ये झोंपड़ों में ग़रीबों के बे-कफ़न लाशे
साहिर लुधियानवी
नज़्म
एक लड़का
उसे ख़ुद अपने हाथों से कफ़न दे कर फ़रेबों का
इसी की आरज़ूओं की लहद में फेंक आया हूँ
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
26 जनवरी
बे-कस बरहनगी को कफ़न तक नहीं नसीब
वो व'अदा-हा-ए-अतलस-ओ-किम-ख़्वाब क्या हुए
साहिर लुधियानवी
नज़्म
मरहूम और महरूम
लिबास रोज़ बदलता हूँ मैं भी सब की तरह
मगर ख़याल तुम्हारे कफ़न का होता है