aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "taa.ib"
हफ़ीज़ ताईब
1931 - 2004
शायर
तालिब बाग़पती
1903 - 1984
ख़ालिद इक़बाल ताइब
आलमताब तिश्ना
1935 - 1991
तालिब देहलवी
1910 - 1975
लेखक
तालिब जोहरी
born.1939
मोहम्मद हुसैन ताईब देहलवी
तालिब हुसैन तालिब
born.1980
ताब असलम
अफ़रोज़ तालिब
मुर्ली धर शर्मा तालिब
born.1977
तालिब जयपुरी
born.1911
तालिब अली खान ऐशी
1783 - 1824/5
आशुफ़्ता औरंगाबादी
शहबाज़ तालिब
born.1994
मुरीद-ए-सादा तो रो रो के हो गया ताइबख़ुदा करे कि मिले शैख़ को भी ये तौफ़ीक़
पूछते हैं ये शाएरी क्या हैहाए ऐसी भी सादगी क्या है
ताइब थे एहतिसाब से जब सारे बादा-कशमुझ को ये इफ़्तिख़ार कि मैं मय-कदे में था
ताइर-ए-आज़ाद ज़ेर-ए-दाम कैसे आ गयावो ख़याल-ए-मुंतशिर मंज़ूम कैसे हो गया
ताइबتائب
repenting, penitent
'ताइब'تائبؔ
penname
तअबتعب
labour, toil, fatigue, trouble
तबتب
then
Kulliyat-e-Hafeez Taib
नात
तिब्ब-ए-अकबर उर्दू
मोहम्म्द अकबर अरज़ानी
मुंशी नवल किशोर के प्रकाशन
Sallu Alaihi Wa Aalihi
Qarabadeen-e-Majeedi
तिब्ब-ए-यूनानी
Tareekh-e-Tib
हकीम सय्यद मोहम्मद हस्सान निगरामी
औषधि
Islah-e-Talaffuz Wa Imla
तालिब अल-हाश्मी
भाषा
Makhzan-ul-Mufradat
हकीम मोहम्मद कबीरुद्दीन
Kitab-un-Nabz
हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा
Tareekh-e-Tib-o- Akhlaqiyat
हकीम अशहर क़दीर
Ibn-e-Batuta Ke Taaqub Mein
इब्न-ए-इंशा
गद्य/नस्र
Ganjeena-e-Tabeeb
मोहम्मद असग़र अली
Unani Dawa Sazi
हकीम मोहम्मद मस्तान अली
Tibb-e-Unani Mein Gharelu Adviya Aur Aam Mualija Ki Kitab
हकीम मोहम्मद अब्दुर्रज़्ज़ाक़
Aaina-e-Arooz-o-Qafiya
कन्हैया लाल माथुर तालिब
छंदशास्र
Adviya Ki Do Taqseemein
ये दिल है मिरा या किसी कुटिया का दिया हैबुझता है दम-ए-सुब्ह तो जलता है सर-ए-शाम
सिमटा तिरा ख़याल तो गुल-रंग अश्क थाफैला तो मिस्ल-ए-दश्त-ए-वफ़ा फैलता गया
शिकस्त-ए-पैमाँ का हम को 'आदी किया है इक मस्त-ए-नोश-ए-लब नेब-मसलहत हम हुए हैं ताइब ये तौबा आख़िर शिकस्तनी है
जाने तय मंज़िल-ए-शब हो कैसेदूर तक नूर की ख़ुश्बू भी नहीं
या नबी अब तो आशोब-ए-हालात ने तेरी यादों के चेहरे भी धुँदला दिएदेख ले तेरे 'ताइब' की नग़्मागरी बनती जाती है नौहागरी या नबी
मैं दूर बहुत दूर पहुँच जाता हूँ 'ताइब'रुख़ सोच का धारा जो बदलता है सर-ए-शाम
दिल जाँ निसार-ए-मय है ज़बाँ ताइब-ए-शराबइस कशमकश में रूह की ताज़ीर हो गई
वाइ'ज़-ए-ख़ुश-बयान सब तस्लीमकौन ताइब हुआ जवानी में
ख़त्म कब होगा सफ़र मरने के ब'अदऔर होगा तेज़-तर मरने के ब'अद
वो जिन आँखों में थी बरसात के मंज़र की झलकअब उन आँखों में सफ़ेदी न सियाही न धनक
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