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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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बेस्ट मिस यू शायरी

आप की याद आती रही रात भर

चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर

मख़दूम मुहिउद्दीन

गई याद शाम ढलते ही

बुझ गया दिल चराग़ जलते ही

मुनीर नियाज़ी

ज़िंदगी यूँ भी गुज़र ही जाती

क्यूँ तिरा राहगुज़र याद आया

मिर्ज़ा ग़ालिब

ज़िंदगी नाम है जुदाई का

आप आए तो मुझ को याद आया

नरेश कुमार शाद

आई जब उन की याद तो आती चली गई

हर नक़्श-ए-मा-सिवा को मिटाती चली गई

जिगर मुरादाबादी

अयादत को आए शिफ़ा हो गई

मिरी रूह तन से जुदा हो गई

मीना कुमारी नाज़

आज तक याद है वो शाम-ए-जुदाई का समाँ

तेरी आवाज़ की लर्ज़िश तिरे लहजे की थकन

अज़ीम मुर्तज़ा

रंग-ए-दिल रंग-ए-नज़र याद आया

तेरे जल्वों का असर याद आया

बाक़ी सिद्दीक़ी

बस इतना याद है इक भूल सी हुई थी कहीं

अब इस से बढ़ के दुखों का हिसाब क्या रखना

अकरम महमूद

बस एक बार याद ने तुम्हारा साथ छू लिया

फिर इस के बाद तो कई जमाल जागते रहे

सरवत ज़ेहरा

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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