बेस्ट प्रोपोज़ शायरी
इज़हार-ए-इश्क़ उस से न करना था 'शेफ़्ता'
ये क्या किया कि दोस्त को दुश्मन बना दिया
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
इज़हार-ए-इश्क़ उस से न करना था 'शेफ़्ता'
ये क्या किया कि दोस्त को दुश्मन बना दिया