बेस्ट नाराज़ शायरी
नज़र आती हैं सू-ए-आसमाँ कभी बिजलियाँ कभी आँधियाँ
कहीं जल न जाए ये आशियाँ कहीं उड़ न जाएँ ये चार पर
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
नज़र आती हैं सू-ए-आसमाँ कभी बिजलियाँ कभी आँधियाँ
कहीं जल न जाए ये आशियाँ कहीं उड़ न जाएँ ये चार पर