'ख़ुदा-ए-सुख़न' के उपनाम से विख्यात मीर तक़ी मीर की शायरी का सम्पूर्ण संग्रह
उर्दू शायरी में तल्मीह (संकेत) का प्रयोग कम से कम शब्दों के द्वारा अर्थ को व्यापक बनाने के लिये किया जाता है|
उर्दू शायरी में मेट्रिक पैटर्न के सिद्धांतों के निर्धारण में छंदशास्र के समकक्ष इल्म-ए-अरोज़ का प्रयोग किया जाता है
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