Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

CANCEL DOWNLOAD SHER
Musharraf Alam Zauqi's Photo'

Musharraf Alam Zauqi

1962 - 2021 | Delhi, India

Postmodernist fiction writer, author of stories on sensitive social and political issues.

Postmodernist fiction writer, author of stories on sensitive social and political issues.

Quotes of Musharraf Alam Zauqi

372
Favorite

SORT BY

ये कायनात बेहद हसीन है मगर उनके लिए जो जीना जानते हैं।

उर्दू ज़बान-ओ-अदब ने मुझे जीने का सलीक़ा सिखाया है।

मुहब्बत मेरी कमज़ोरी है, नशा है।

मैं वो शख़्स हूँ जिसने अपनी ज़िंदगी का हर दिन अदब की आग़ोश में गुज़ारा है।

سگریٹ اور چایے! میں ان دو بری عادتوں کا غلام ہوں۔

सच्ची ख़ुशी हमेशा लिखने से होती है। मैं हर नई तख़लीक़ पर बच्चों की तरह ख़ुश हो जाता हूँ

अदब मेरे लिए ज़िंदगी से ज़्यादा अहम है।

मैं पैदाइशी अदीब हूँ, अदब के इलावा कुछ और सोच भी नहीं सकता।

बीवी से बड़ी नायिका या हीरोइन कोई नहीं है। फिर आप दूसरी औरतों के सामने तो रूमानी हो सकते हैं बीवी के सामने क्यों नहीं?!

मैं मंज़िलों की परवाह नहीं करता, मेरी हर तख़लीक़ मेरे लिए एक नई मंज़िल है।

मुझे उन लोगों पर रश्क आता है जो सिर्फ नए नए किरदार ही नहीं गढ़ते बल्कि अपने किरदारों के बारे में इस तरह की बातें करते हैं जैसे वो महज़ फ़र्ज़ी किरदार ना हों बल्कि चलते-फिरते आदमी हों, ज़िंदा मख़्लूक़ हों।

इन्'आम-ओ-एज़ाज़ मुझे ख़ुश नहीं करते और ना इस बारे में मैं सोचता हूँ और ना ही मुझे इनकी ज़रूरत है।

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
Speak Now