aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Sir Syed Ahmad Khan's Photo'

सर सय्यद अहमद ख़ान

1817 - 1898 | अलीगढ़, भारत

लब्धप्रतिष्ठ विचारक,शोधकर्ता और शिक्षाविद.अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक

लब्धप्रतिष्ठ विचारक,शोधकर्ता और शिक्षाविद.अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक

सर सय्यद अहमद ख़ान

लेख 22

उद्धरण 10

जिसको इज़्ज़त है उसको ग़ैरत है, जिसको ग़ैरत है उसको इज़्ज़त है।

  • शेयर कीजिए

बे-इल्मी मुफ़्लिसी की माँ है। जिस क़ौम में इल्म-ओ-हुनर नहीं रहता वहाँ मुफ़्लिसी आती है और जब मुफ़्लिसी आती है तो हज़ारों जुर्मों के सरज़द होने का बाइस होती है।

(तक़रीर-ए- जलसा-ए-अज़ीमाबाद पटना, 26 मई)

  • शेयर कीजिए

हम लोग आपस में किसी को हिंदू, किसी को मुसलमान कहें मगर ग़ैर-मुल्क में हम सब नेटिव (Native) यानी हिन्दुस्तानी कहलाए जाते हैं। ग़ैर-मुल्क़ वाले ख़ुदा-बख़्श और गंगा राम दोनों को हिन्दुस्तानी कहते हैं।

(तक़रीर-ए-सर सय्यद जो अंजुमन इस्लामिया, अमृतसर के ऐडरेस के जवाब में 26 जनवरी 1884 ई. को की गई)

  • शेयर कीजिए

लहजा: इसको भी तहज़ीब में बड़ा दख़ल है। अक्खड़ लहजा इस क़िस्म की आवाज़ जिससे शुब्हा हो कि आदमी बोलते हैं या जानवर लड़ते हैं, ना-शाइस्ता होने की निशानी है।

  • शेयर कीजिए

मैं अपनी ज़बान से वो मुराद लेता हूँ जो किसी मुल्क में इस तरह पर मुस्तामल हो कि हर शख़्स उस को समझता हो और वो उस में बातचीत करता हो। ख़्वाह वो उस मुल्क की असली ज़बान हो या हो और उसी ज़बान पर मैं वरनेकुलर के लफ़्ज़ का इस्तिमाल करता हूँ।

(तक़रीर -ए-बनारस, 20 सितंबर 1867)

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 231

संबंधित ब्लॉग

 

"अलीगढ़" के और लेखक

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए