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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

बनारस के शायर और अदीब

कुल: 37

कबीर

1440 - 1518

मध्यकालीन भक्ति-साहित्य की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि।

उर्दू हिंदी के पहले सशक्त फ़िक्शन-निगार, जिन्होंने उपन्यास और कहानी के माध्यम से समाजी सरोकारों को कलात्मक अभिव्यक्ति दी। उपन्यास-सम्राट के रूप में सर्वविदित।

हिंदी के नवीकरण के प्रचारक, क्लासिकी शैली में अपनी उर्दू ग़ज़ल के लिए प्रसिद्ध

नई निसाई आवाज़ों में शुमार, उम्दा शेर अपनी मुतरन्निम आवाज़ में पढ़ने के लिए मशहूर

समाज की संवेदनशील समस्याओं को अपनी कहानियों का विषय बनाने वाले महत्वपूर्ण रचनाकार. बच्चों के लिए भी दिलचस्प कहानियां लिखीं

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