बेकल उत्साही
ग़ज़ल 19
नज़्म 7
अशआर 22
उलझ रहे हैं बहुत लोग मेरी शोहरत से
किसी को यूँ तो कोई मुझ से इख़्तिलाफ़ न था
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
वो मेरे क़त्ल का मुल्ज़िम है लोग कहते हैं
वो छुट सके तो मुझे भी गवाह लिख लीजे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
यूँ तो कई किताबें पढ़ीं ज़ेहन में मगर
महफ़ूज़ एक सादा वरक़ देर तक रहा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
दोहा 6
गीत 1
पुस्तकें 13
वीडियो 9
This video is playing from YouTube