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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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मुख़तसर आज़मी

1939 - 2009 | आज़मगढ़, भारत

मुख़तसर आज़मी

नज़्म 1

 

अशआर 1

मैं रो रहा हूँ ये तो जहाँ से चला गया

अपनी बला को मेरे गले से लगा गया

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हास्य 7

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