Narjis Afroz Zaidi's Photo'

नरजिस अफ़रोज़ ज़ैदी

1964 | पेशावर, पाकिस्तान

नरजिस अफ़रोज़ ज़ैदी

ग़ज़ल 9

नज़्म 12

अशआर 2

तिरे ख़याल से रौशन है सर-ज़मीन-ए-सुख़न

कि जैसे ज़ीनत-ए-शब हो मह-ए-तमाम के साथ

सुना है फूल झड़े थे जहाँ तिरे लब से

वहाँ बहार उतरती है रोज़ शाम के साथ

 

पुस्तकें 1

 

"पेशावर" के और शायर

 

Recitation

aah ko chahiye ek umr asar hote tak SHAMSUR RAHMAN FARUQI

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए