aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Shahbaz Khwaja's Photo'

शहबाज़ ख़्वाजा

इंग्लैंड

शहबाज़ ख़्वाजा के शेर

सफ़र का एक नया सिलसिला बनाना है

अब आसमान तलक रास्ता बनाना है

मुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँ

सो अब के झील में इक दाएरा बनाना है

मता-ए-जाँ हैं मिरी उम्र भर का हासिल हैं

वो चंद लम्हे तिरे क़ुर्ब में गुज़ारे हुए

वो एक तू कि तिरे ग़म में इक जहाँ रोए

वो एक मैं कि मिरा कोई रोने वाला नहीं

इक ऐसा वक़्त भी सहरा में आने वाला है

कि रास्ता यहाँ दरिया बनाने वाला है

किसी ने देख लिया था जो साथ चलते हुए

पहुँच गई है कहाँ जाने बात चलते हुए

यूँ तो मुमकिन नहीं दुश्मन मिरे सर पर पहुँचे

पहरे-दारों में कोई आँख झपक जाता है

कितने गुलशन कि सजे थे मिरे इक़रार के नाम

कितने ख़ंजर कि मिरी एक नहीं पर चमके

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए