aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "افضل"
बाक़ी सिद्दीक़ी
1905 - 1972
शायर
अफ़ज़ल ख़ान
born.1975
अफ़ज़ल इलाहाबादी
born.1984
अफ़ज़ल मिनहास
1923 - 1997
अफ़ज़ल अली अफ़ज़ल
born.1998
अफ़ज़ल गौहर राव
born.1965
अफ़ज़ल परवेज़
एज़ाज़ अफ़ज़ल
born.1936
शेर अफ़ज़ल जाफ़री
1909 - 1989
अफ़ज़ल पेशावरी
नीलोफ़र अफ़ज़ल
born.1995
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद
born.1946
अफ़ज़ल सफ़ी
born.1971
अफ़ज़ल किरतपुरी
लेखक
अफ़ज़ल हज़ारवी
born.1963
तू भी सादा है कभी चाल बदलता ही नहींहम भी सादा हैं इसी चाल में आ जाते हैं
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लोमोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता
मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूँवो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता
शिकस्त-ए-ज़िंदगी वैसे भी मौत ही है नातू सच बता ये मुलाक़ात आख़री है ना
طاعتِ خلق سے اک سجدہ ہے افضل تیراعرشِ اعظم پہ، ملائک تری کرتے ہیں ثنا
अफ़ज़लافضل
Prime, most excellent, venerable
बहुत ही बढ़िया, उत्तम, सबसे उत्कृष्ट
बहुत ही बढ़िया, उत्तमतर, बहुत अधिक, बहुत ज्यादा।
Rajpoot Gotain
मोहम्मद अफ़ज़ल ख़ाँ
अन्य
Bikat Kahani
मोहम्मद अफ़ज़ल अफ़ज़ल
नज़्म
Hamari Kitab
अफ़ज़ल हुसैन
पाठ्य पुस्तक
Takmeel-e-Mausiqi
ख़ान मोहम्मद अफ़ज़ल खां
संगीत
Zindagi
चाैधरी अफ़ज़ल हक़
भाषा एवं साहित्य
Urdu Sahafat Aazadi ke Bad
अफ़ज़ल मिस्बाही
पत्रकारिता
Tehseel-e-Mausiqi
Aaina-e-Tareekh
भारत का इतिहास
फ़ोर्ट विलयम कालेज और फ़ोर्ट सेनट जार्ज कालेज
मोहम्मद अफ़ज़लुद्दीन इक़बाल
शोध
Fort Saint George College
Fan Taleem-o-Tarbiyat
अब जो पत्थर है आदमी था कभीइस को कहते हैं इंतिज़ार मियाँ
इतनी सारी यादों के होते भी जब दिल मेंवीरानी होती है तो हैरानी होती है
देर से आने पर वो ख़फ़ा था आख़िर मान गयाआज मैं अपने बाप से मिलने क़ब्रिस्तान गया
वो अरीने वो मसाजिद वो कलीसा वो महलऔर वो लोग जो हर नक़्श से अफ़ज़ल-तर हैं
मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनीमोहब्बत की कहानी में अदाकारी नहीं करनी
हमारे साँस भी ले कर न बच सके 'अफ़ज़ल'ये ख़ाक-दान में दम तोड़ते हुए सिगरेट
लोगों ने आराम किया और छुट्टी पूरी कीयकुम मई को भी मज़दूरों ने मज़दूरी की
हमारे ख़ून के प्यासे पशेमानी से मर जाएँअगर हम एक दिन अपनी ही नादानी से मर जाएँ
मैंने कहा, ‘‘कोई फ़र्क़ नहीं। सुनते हो मिर्ज़ा। कोई फ़र्क़ नहीं। हममें और हैवानों में... कम-अज़-कम मुझमें और हैवानों में कोई फ़र्क़ नहीं। हाँ हाँ मैं जानता हूँ तुम मीन-मीख़ निकालने में बड़े ताक़ हो। कह दोगे हैवान जुगाली करते हैं, तुम जुगाली नहीं करते। उनकी दुम होती है, तुम्हारी...
वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफ़ज़ल हैमैं अपने मुल्क की ख़ातिर कफ़न भी साथ रखता हूँ
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